Gulzar Shayari: गुलज़ार शायरी के पिटारे से उनकी प्रसिद्ध शायरी से उन्हें याद करते है-
अर्ज़ किया है-
सालों बाद मिले वो
गले लगाकर रोने लगे,
जाते वक्त जिसने कहा था
तुम्हारे जैसे हज़ार मिलेंगे |
सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित शायर – ग़ुलज़ार, प्रसिद्ध नाम है- कवि, पटकथा, लेखक, फ़िल्म निर्देशक नाटककार व गीतकार के रूप में |
उनकी रचनाएँ मुख्यतः हिन्दी, उर्दू तथा पंजाबी में हैं, परन्तु ब्रज भाषा, खड़ी बोली, मारवाड़ी और हरियाणवी में भी इन्होंने रचनायएँ कीं। वर्ष २००९ में डैनी बॉयल निर्देशित फ़िल्म – स्लम्डाग मिलियनेयर में उनके द्वारा लिखे गीत जय हो के लिये उन्हें सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर पुरस्कार मिल चुका है। इसी गीत के लिये उन्हें ग्रैमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
ख़ुशी के पलो का भंडार Happy Shayari , में आज Gulzar sahab ki shayari में कुछ शायरी लेकर आये जो आपको जरूर पसंद आएगी जो आप अपने प्यारे दोस्तों को भी भेज सकते हे। हमारी यही दुआ है रब से, खुश रहे अपनों को खुसी के पुलिंदे भेजते रहिये | अपनों को खुस रखने के लिए पढ़ते रहिये happyshayari.com
Gulzar Shayari
जबसे तुम्हारे नाम की
मिसरी होंठ लगाई है
मीठा सा गम है,
और मीठी सी तन्हाई है |
Gulzar shayari | Gulzar sahab ki shayari
पता चल गया है के मंज़िल कहां है
चलो दिल के लंबे सफ़र पे चलेंगे
सफ़र ख़त्म कर देंगे हम तो वहीं पर
जहाँ तक तुम्हारे कदम ले चलेंगे |
मेरा ख्याल है अभी, झुकी हुई निगाह में
खिली हुई हँसी भी है, दबी हुई सी चाह में
मैं जानता हूं, मेरा नाम गुनगुना रही है वो
यही ख्याल है मुझे, के साथ आ रही है वो |
Gulzar sad shayari
सालों बाद मिले वो
गले लगाकर रोने लगे,
जाते वक्त जिसने कहा था
तुम्हारे जैसे हज़ार मिलेंगे |
तुझ से बिछड़ कर
कब ये हुआ कि मर गए,
तेरे दिन भी गुजर गए
और मेरे दिन भी गुजर गए |
Gulzar Sahab Ki Shayari
हमने देखी है उन आँखों की खुशबू
हाथ से छूके इसे रिश्तों का इल्ज़ाम न दो
सिर्फ़ एहसास है ये रूह से महसूस करो
प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम न दो |
टकरा के सर को जान न दे दूं तो क्या करूं
कब तक फ़िराक-ए-यार के सदमे सहा करूं
मै तो हज़ार चाहूँ की बोलूँ न यार से
काबू में अपने दिल को न पाऊं तो क्या करूं |
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कोई वादा नही किया लेकिन
क्यों तेरा इंतज़ार रहता है
बेवजह जब क़रार मिल जाए
दिल बड़ा बेकरार रहता है |
Gulzar sad shayari
इस दिल में बस कर देखो तो
ये शहर बड़ा पुराना है
हर साँस में कहानी है
हर साँस में अफ़साना है |
तुम मिले तो क्यों लगा मुझे,
खुद से मुलाकात हो गई
कुछ भी तो कहा नही मगर,
ज़िंदगी से बात हो गई |
ख़ामोश रहने में दम घुटता है
और बोलने से ज़बान छिलती है
डर लगता है नंगे पांव मुझे
कोई कब्र पांव तले हिलती है |
Gulzar Shayari In Hindi 2 Lines
वो बेपनाह प्यार करता था मुझे
गया तो मेरी जान साथ ले गया |
Gulzar shayari on life
प्यार में अज़ीब ये रिवाज़ है,
रोग भी वही है जो इलाज है |
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आपकी कमी सी है |
Gulzar sad shayari
ऐसा कोई ज़िंदगी से वादा तो नही था
तेरे बिना जीने का इरादा तो नही था |
एक बीते हुए रिश्ते की
एक बीती घड़ी से लगते हो
तुम भी अब अजनबी से लगते हो |
Gulzar shayari in hindi 2 lines
आखिरी नुकसान था तू जिंदगी में,
तेरे बाद मैंने कुछ खोया ही नहीं….
Gulzar Shayari on Life
जर्रा जर्रा समेट कर
खुद को बनाया है मैंने,
मुझसे ये ना कहना
बहुत मिलेंगे तुम जैसे…
Gulzar Sad Shayari
थोड़ा सा रफू
कर के देखिए ना
फिर से नई सी लगेगी,
जिंदगी ही तो है..
Gulzar Sahab Shayari
लगता है जिंदगी
आज खफा है,
चलिए छोड़िए
कौनसी पहली दफा है !
Shayari Gulzar
सफर छोटा ही सही
पर यादगार होना चाहिए,
रंग सांवला ही सही
पर वफादार होना चाहिए…
जो बीत गया है वो अब दौर न आएगा,
इस दिल में सिवा तेरे कोई और न आएगा,
घर फूंक दिया हमने, अब राख उठानी है,
जिंदगी और कुछ नही, तेरी मेरी कहानी है।
Gulzar Sad Shayari
उम्मीद तो नही
फिर भी उम्मीद हो
कोई तो इस तरह
आशिक़ शहीद हो |
Gulzar sad shayari
वो शख़्स जो कभी
मेरा था ही नही,
उसने मुझे किसी और का भी
नही होने दिया |
एक बार जब तुमको बरसते पानियों के पार देखा था
यूँ लगा था जैसे गुनगुनाता एक आबशार देखा था
तब से मेरी नींद में बसती रहती हो
बोलती बहुत हो और हँसती रहती हो |
उम्मीद भी अजनबी लगती है
और दर्द पराया लगता है
आईने में जिसको देखा था
बिछड़ा हुआ साया लगता है |
Gulzar Sahab Ki Shayari
कोई तो करता होगा हमसे भी
खामोश मोहब्बत..
किसी का हम भी अधूरा
इश्क रहे होंगे…
Gulzar sad shayari
इश्क़ की तलाश में
क्यों निकलते हो तुम,
इश्क़ खुद तलाश लेता है
जिसे बर्बाद करना होता है।