दोस्तों हिन्दू देवता, भगवान श्री राम को तो हम सभी जानते ही हैं, और मुझे उम्मीद है आप सभी को उनके बारे में पता ही होगा । भगवान श्री राम के लिए किसी भी introducion की जर्रूरत नहीं है लेकिन फिर भी आये श्री राम भगवान के बारे में थोड़ा सा चर्चा कर लेते हैं ।
हिन्दू धर्म की धार्मिक पुस्तक रामायण के अनुसार भगवान श्री राम अयोध्या के राजा दशरथ एवं अयोध्या की बड़ी रानी कौशल्या के पुत्र थे। Ram Bhagwan का जन्म 5114 ईस्वी पूर्व में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को, त्रेता युग में हुआ था । अतः इसी कारन चैत्र मास की नवमी को रामनवमी के रूप में धूम धाम से मनाया जाता है।
हमारे हिन्दू वेद पुराण और ग्रंथो के अनुसार भगवान राम को 10 अवतारों में भगवान विष्णु का 7 वां अवतार माना जाता है। ऐसा माना जाता है की ग्यारह हजार वर्षों तक भगवान राम ने अयोध्या राज्य पर शासन किया और इस स्वर्ण काल को ही राम राज्य का नाम दिया गया है।
भगवान राम ने हमें सही रास्ते पर चलने के आदर्श बताए हैं। जीवन में हमें भगवान राम के महान आदर्शों और व्यवहार का अनुकरण करना चाहिए।
दोस्तों इसीलिए आज मैं आपको लोगो के लिए बोहोत ही खूबसूरत राम भक्ति गीत लेकर प्रस्तुत हुआ हूँ । मुझे उम्मीद है की आपको यह राम भक्ति गीत अवश्य पसंद आएगा आप अपनी प्रतिकिया comment box में साझा कर सकते हैं। धन्यवाद!
![Ram Bhakti Geet || Ram Geet राम गीत 1 Ram Bhakti Poem](https://happyshayari.com/wp-content/uploads/2022/04/Ram-Bhakti-Poem.png)
तभी राम का पूजना सार्थक है, जब राम सा लोग जीवन बनायें ।
बने राम से देश में पुत्र लाखों, पिता के वचन मान बन जा रहे हो ।।
वहीं इस तरह के पिता हो हमारे कि, सुत शोक मे त्याग तन जा रहे हों ।
पवन पुत्र जैसे हों निस्वार्थ से भी, संजीवनी रात ही रात लावें ।।
तभी राम का पुजना सार्थक है, जब राम सा लोग जीवन बनायें ।
सिया से सभी नारियाँ गुणवती हो, मुशीबत में भी साथ पत्नी का न छोड़े ।।
पुरुष भी हों अवला की रक्षा में सार्थक, बड़े आतताइयों का अभिमान तोडे ।
भरत सी भरभवना भाइयों में मिली राज सत्ता की ठोकर लगावें ।।
तभी राम का पूजना सार्थक है, जब राम सा लोग जीवन बनायें ।
यहाँ आज रामायण प्रेमियों का घृणा द्वेष से दिल जला जा रहा है ।।
सभी प्राणियों में सदा श्रेष्ठ मानव, महानाश करने चला जा रहा है ।
इधर हम करे काम रावण के युग में, उधर राम पर फूल माला चढावें ।।
तभी राम का पूजना सार्थक हैं, जब राम सा लोग जीवन बनायें ।